वो कहते हैं की ये रिश्ता अब ख़तम हो गया
मुझे भूल जाव
मुझे परेशान करने की कोई ज़रूरत नही है,
उन्हें कैसे समझाएं की किसी को भी मुझे परेशान करना हमारी आदत नहीं है,
लेकिन रिश्तों को यूँ ख़तम करना भी हमारी आदत नहीं हैं,
और किसी को यूँ भुला देना हमारी फितरत नहीं है,
शायद हम दोनों ही मजबूर हैं अपनी अपनी आदतों से ,
और आदतों को बदलने में वक्त तो लगता है,
कोशिश जारी है कामयाबी भी देर सबेर मिल ही जायेगी ,
तब तक "Please Bear with me "
Friday, March 6, 2009
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